Saturday, August 25, 2012

प्रतिमा का खंडन: दिल्ली में तीव्र विरोध प्रदर्शन



२३ अगस्त २०१२
नईदिल्ली। आज विश्व जैन संगठन के जुझारू और धर्मपरायण अध्यक्ष श्री संजय जैन की अगुवाई में दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पे लखनऊ में १७ अगस्त २०१२ को भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा तोड़े जाने के  विरोध में आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन में हजारों की संख्या में जैन धर्मालंबियों ने उपस्थित होकर अपना तीव्र विरोध दर्ज करवाया। जंतर मंतर पर 7000 लोगों की उपस्थिति के बीच हमारी जैनशक्ति का विशाल स्वरुप देखने को मिला। इस विरोध सभा में दिगम्बर, श्वेताम्बर, तेरापंथी, स्थानकवासी जैन समाज ने एक साथ जैन एकता का परिचय दिया। इस धरने के साथ पूरे देश में लगभग 170 जगहों पर जैन समाज ने धरना दिया।
धरना प्रदर्शन के लिए सुबह से ही हजारों जैनों का हुजूम जंतर मंतर की तरफ बढ़ रहा था। लोगो के चेहररों पर उक्त घटना के प्रति आक्रोश साफ़ देखा जा सकता था। हजारो की संख्या एकत्र हुए लोगों में बच्चे, बूढ़े और महिलाएँ भी सम्मिलित थी। युवा जैन हाथों में धर्मध्वजा थामे थे और जैन धर्म की जय’ ‘भगवान महावीर की जयकार’ ‘उत्तरप्रदेश सरकार हाय हाय’ के नारे लगा रहे थे।
धरने से पहले रोहणी के सेक्टर पांच में आयोजित धर्मसभा में श्रावकों को विश्वमैत्री दिवस के अवसर पर संबोधित करते मुनि श्री पुलक सागर जि महाराज ने कहा “जो धर्म के मार्ग पर चलता है वह तोड़ने में नहीं जोड़ने पर विश्वास रखता है। हमारे अंदर किसी धर्म विशेष से द्वेष की भावना नहीं है, पर हमारे धर्मायतनों पर हमला हमें असहनीय है, हमें तो सरकार की चुप्पी कचोटती है और ऐसा लगता है कि इस घटना के पीछे कोई राजनैतिक साजिश है जो देश की एकता को अखंडता को नष्ट करना चाहते है।
उन्होंने कहा कि मैं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूँ कि अगर तुम्हारे पिता का हाथ टूटा होता तो क्या तुम चुप बैठते? नहीं ना!
लखनऊ में केवल पत्थर की मूर्ति नहीं अपितु हमारे पिता, हमारे जनक भगवान महावीर स्वामी जिनकी हम पूजा करते है उनकी मूर्ति को तोड़ने का दुस्साहस जालिमों ने किया है। उन्होंने कहा कि खंडित मूर्ति की जगह सरकार द्वारा दूसरी मूर्ति लगा देने की मांग नहीं करता, जैन समाज स्वयं इतना सक्षम है कि वह कई मूर्तियां स्थापित कर सकता है।
हमारी माँग है कि हमारे तीर्थो की, हमारी मूर्तियों की रक्षा होनी चाहिए। भविष्य मे इस प्रकार की घटनाएं दोबारा ना हो इस बात का आश्वासन हमें चाहिए। सरकार को कठोर कदम उठाकर दोषियों को गिरफ्तार कर दंड देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम कोई अशांति नहीं फैलाएँगे, हम कोई हिंसा करने वाले नहीं, हम तो वो लोग हैं जब उठती है तो तलवार नहीं, करूणा की मयूर पिच्छी उठती है। लेकिन याद रखना कभी हमारे धर्मायतन पर आंच आती है तो हमारा समाज किसी के शीश नहीं काटता है अपितु अकलंक- निकलंक बनकर शीश कटाकर धर्म की रक्षा करता है। हमारी अहिंसा को कायरता ना समझा जाये। हमारी अहिंसा वीरो की अहिंसा होती है। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन तब तक रहेगा जब तक सरकार कोई ना कोई आधिकारिक वक्तव्य जारी ना कर दे। पूरे हिन्दुस्तान की भावनाएं आहत हुई है।
उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हम ऐसा कोई कार्य ना करे जिससे जैन समाज पर प्रश्न चिन्ह लग जाये लेकिन ऐसा कार्य भी ना करे कि मंदिर मूर्तियां लुटती रहे और हम घर मे बैठे रहे।  इस धरने का रूप बढ़ेगा और सरकार स्वयं आकर सम्पूर्ण जैन समाज से माफी मांगेगी। यह आवाज इस हाल में ही नहीं अपितु संसद व विधानसभा में  भी गूंजना चाहिए। आप सब अपने-२ राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलकर अपनी आवाज़ उठाइये, हर राज्य के अल्पसंख्यक आयोग में शिकायत दर्ज करवाइए फिर देखिये कैसे परिणाम नहीं निकलता।
इसमें पधारने वाले कुछ अतिविशेष लोगों में केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री प्रदीप जैन ‘आदित्य’, इस्लाम समाज के इमाम उमर अहमद इलियासी, अध्यक्ष-आल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन, ईसाई समाज के फादर डोमनिकजी, हिन्दू समाज के प्रज्ञानंद जी, सिख समाज से परमजीत सिंह जी, मुनि श्री नयपद्मसागर जी महाराज ससंघ एवं श्री लोकेश मुनि जी ससंघ शामिल थे, बहुत सारे गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित हुए।
इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा कि उप्र की राजधानी में दिन दहाड़े ५०० लोग इतना उत्पात मचाते रहे है और पुलिस ने कुछ नहीं किया। सरकार को कठोर कार्यवाही करनी होगी, मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूँ।
श्री प्रदीप आदित्य ने कहा मेरा झांसी मे एक कार्यक्रम था लेकिन जैसे ही इस धरने के बारे मे पता चला तो मैंने सोचा कि धर्म सबसे पहले है इसके बाद कुछ और। मैं अपनी ओर से पूरा दबाव बनाऊंगा ताकि मामले में शीघ्र कार्यवाही हो।
उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ से एक सांसद को भी भेजा, उन्होंने नयी प्रतिमा स्थापित करवाने और दोषियों को पकड़ने की मुहिम चलाने का आश्वासन दिया. 
मुनि श्री नयपद्मसागर जी महाराज - मुझे समझ में नहीं आता कि शांतिप्रिय जैन समाज को इस देश में  निशाना क्यों बनाया जा रहा है। हमारे मंदिरों  व मूर्तियों को नुकसान क्यों पहुंचाया जा रहा है? आज हमें पंथवाद से ऊपर उठकर धर्म की रक्षा के लिए आगे आना होगा।
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पारस चैनल ने पूरे देश में दिखाया।
धरने में भारतवर्षीय श्री दिगम्बर जैन महासभा, अखिल भारतीय दिग. जैन परिषद, भारतीय जैन मिलन, अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच, जैन महिला जागृति मंच, दिगम्बर जैन महासमिति, जैन मंच, पारस फांउडेशन, संस्कृति संरक्षण संस्थान, जैन युवा क्लब, पारस मंच, जैन शिक्षा समिति, विश्व ज्ञान भारती, रा। गौ रक्षा संगठन, जैन फाउन्डेशन एवं अन्य संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हुआ।

Thursday, August 23, 2012

तीर्थंकर प्रतिमा का ध्वंस करने की कायरतापूर्ण हरकत के विरोध में मुम्बई में विरोध रैलियाँ एवं विराट विरोध सभा


१७ अगस्त २०१२ को लखनऊ के महावीर पार्क में तीर्थंकर
प्रतिमा का ध्वंस करने की कायरतापूर्ण हरकत के विरोध में

राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
प्रत्येक राज्य के राजभवन के सामने एवं जिला/तहसील स्तर पर जिलाधीश (कलेक्टर)/तहसीलदार कार्यालय के सामने
जागो!आज नहीं तो फिर कभी नहीं
सच्चे जैन धर्मावलंबियो!
हमारे धर्मायतनों पर हर वर्ष हमले हो रहे हैं, कहीं मंदिरों में चोरियाँ, तो कहीं षड्यंत्रपूर्ण सड़क दुर्घटनाओं में मुनियों की अकाल मृत्यु, परधर्म वालों द्वारा हमारे उपेक्षित तीर्थ स्थानों पर जबरन कब्जे की घटनाएँ बढ़ रही हैं, अनूप मण्डल जैसे असामाजिक संगठन जैन मुनियों और जैन समाज के विरुद्ध आम जनता के मन में विद्वेष के बीज बो रहे हैं, देश में कई स्थानों पर जैन मुनियों के विचरण पर गैरकानूनी रोक लगी है, पैदल विहार के समय मुनियों और आर्यिकाओं (साध्वियों) पर हमले होते हैं आदि. ऐसी दुर्घटनाओं की सूची काफी लंबी है पर हम सब चुप हैं. हमने अहिंसा की हमारी अचूक शक्ति को शिथिलता में बदल डाला है. हमारा रक्त ठण्डा पड़ गया है. ताजा घटनाक्रम में शुक्रवार १७ अगस्त २०१२ को अलविदा की नमाज़ के पश्चात् लखनऊ के महावीर पार्क (हाथी पार्क) में तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा का ध्वंस करने की कायराना हरकत एक समुदाय विशेष के सिरफिरे लोगों ने खुलेआम की है. ये लोग हिन्दुस्तान को पाकिस्तान बनाने पर तुले हैं और उप्र सरकार इनके तलवे चाट रही है. इसकी जितनी भी निंदा/भर्त्सना की जाए कम है. परन्तु केवल निंदा/भर्त्सना से बात नहीं बनेगी. आज समय पुकार रहा है कि देर नहीं हुई है जागो अहिंसा के अनुयायियो !!! जागो, तुम भी किसी से कम नहीं हो. तुम्हे सरकार और दोषियों को दृढ़ता से ये सन्देश पहुँचाना होगा कि हम अहिंसक हैं पर कायर कतई नहीं हैं और अपने धर्मायतनों की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटेंगे, जिन्होंने हमारे महावीर भगवान की प्रतिमा को हाथ लगाया है उनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए. अब हम अपने आराध्य देव-शास्त्र-गुरु पर किसी भी प्रकार के हमले बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे, हिन्दुस्तान हिला देंगे.
आज नहीं जागे तो आने वाली पीढ़ियाँ तुम्हारी इस निष्क्रियता के लिए तुम्हें कदापि क्षमा नहीं करेंगी.
 मुनिश्री विरागसागर जी महाराज एवं मुनिश्री विनम्रसागर जी महाराज (श्वेताम्बर संप्रदाय) के पावन सान्निध्य में
मुम्बई में विरोधसभा
रविवार २६ अगस्त २०१२, प्रातः ८ बजे से प्रारंभ
सभास्थल:रामलीला मैदान, मलाड (पूर्व), मुम्बई
रैली श्री मुनिसुव्रतनाथ स्वामी श्वेताम्बर जिनालय, कांदिवली (प.) से  रामलीला मैदान, मलाड (पूर्व ) तक. रामलीला मैदान, मलाड (पूर्व) पहुँचकर ११ बजे महासभा में परिवर्तित हो जाएगी.
जागो ! युवाओ जागो ! क्या अपने धर्म का अपमान देखकर भी तुम्हारे रक्त में उबाल नहीं आता??? बह खून नहीं है पानी है जिसमें जिनेन्द्र भगवान के लिए त्याग नहीं.
संपर्क सूत्र: ९७०२२-६८४०७, ९७६९६-९६२७१, ८९७६३-५८१४४ , ९८१९९-८३७०८ 

Monday, August 20, 2012

Lord Mahavira's idol broken at Lucknow

This is very sad news that Muslims have openly/blatantly broken a tall idol of Jain Dharma's 24th Tirthankara Bhagwan Mahaveer at Mahaveer Park in Lucknow after Alvida Namaz on 17th August 2012. Jains are protesting against this dishonour of their lord's idol and asked for unconditional apology and severe action against goons who were involved in this mischievousness.


१७ अगस्त २०१२ को लखनऊ के महावीर पार्क में तीर्थंकर
प्रतिमा का ध्वंस करने की कायरतापूर्ण हरकत के विरोध में

राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
प्रत्येक राज्य के राजभवन के सामने एवं जिला/तहसील स्तर पर जिलाधीश (कलेक्टर)/तहसीलदार कार्यालय के सामने
जागो!आज नहीं तो फिर कभी नहीं
सच्चे जैन धर्मावलंबियो!
हमारे धर्मायतनों पर हर वर्ष हमले हो रहे हैं, कहीं मंदिरों में चोरियाँ, तो कहीं षड्यंत्रपूर्ण सड़क दुर्घटनाओं में मुनियों की अकाल मृत्यु, परधर्म वालों द्वारा हमारे उपेक्षित तीर्थ स्थानों पर जबरन कब्जे की घटनाएँ बढ़ रही हैं, अनूप मण्डल जैसे असामाजिक संगठन जैन मुनियों और जैन समाज के विरुद्ध आम जनता के मन में विद्वेष के बीज बो रहे हैं, देश में कई स्थानों पर जैन मुनियों के विचरण पर गैरकानूनी रोक लगी है, पैदल विहार के समय मुनियों और आर्यिकाओं (साध्वियों) पर हमले होते हैं आदि. ऐसी दुर्घटनाओं की सूची काफी लंबी है पर हम सब चुप हैं. हमने अहिंसा की हमारी अचूक शक्ति को शिथिलता में बदल डाला है. हमारा रक्त ठण्डा पड़ गया है. ताजा घटनाक्रम में शुक्रवार १७ अगस्त २०१२ को अलविदा की नमाज़ के पश्चात् लखनऊ के महावीर पार्क (हाथी पार्क) में तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा का ध्वंस करने की कायराना हरकत एक समुदाय विशेष के सिरफिरे लोगों ने खुलेआम की है. ये लोग हिन्दुस्तान को पाकिस्तान बनाने पर तुले हैं और उप्र सरकार इनके तलवे चाट रही है. इसकी जितनी भी निंदा/भर्त्सना की जाए कम है. परन्तु केवल निंदा/भर्त्सना से बात नहीं बनेगी. आज समय पुकार रहा है कि देर नहीं हुई है जागो अहिंसा के अनुयायियो !!! जागो, तुम भी किसी से कम नहीं हो. तुम्हे सरकार और दोषियों को दृढ़ता से ये सन्देश पहुँचाना होगा कि हम अहिंसक हैं पर कायर कतई नहीं हैं और अपने धर्मायतनों की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटेंगे, जिन्होंने हमारे महावीर भगवान की प्रतिमा को हाथ लगाया है उनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए. अब हम अपने आराध्य देव-शास्त्र-गुरु पर किसी भी प्रकार के हमले बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे, हिन्दुस्तान हिला देंगे.
आज नहीं जागे तो आने वाली पीढ़ियाँ तुम्हारी इस निष्क्रियता के लिए तुम्हें कदापि क्षमा नहीं करेंगी.
मुनिश्री विरागसागर जी महाराज एवं मुनिश्री विनम्रसागर जी महाराज (श्वेताम्बर संप्रदाय) के पावन सान्निध्य में
मुम्बई में विरोध सभा
रविवार २६ अगस्त २०१२, प्रातः ८ बजे से प्रारंभ
सभास्थल:रामलीला मैदान, मलाड (पूर्व), मुम्बई
रैली श्री मुनिसुव्रतनाथ स्वामी श्वेताम्बर जिनालय, कांदिवली (प.) से  रामलीला मैदान, मलाड (पूर्व ) तक. रामलीला मैदान, मलाड (पूर्व) पहुँचकर ११ बजे महासभा .
जागो ! युवाओ जागो ! क्या अपने धर्म का अपमान देखकर भी तुम्हारे रक्त में उबाल नहीं आता??? बह खून नहीं है पानी है जिसमें जिनेन्द्र भगवान के लिए त्याग नहीं.
संपर्क सूत्र: ९७०२२-६८४०७, ९७६९६-९६२७१, ८९७६३-५८१४४ , ९८१९९-८३७०८